बस मै निचोड़ लून
हर लम्हा
हर पल तिजोरी मे बंद कर लूँ
समय तो रुकेगा नही
मै ही जुगाड कर लूं
एक एक मोती उठा कर पीरों लूँ
इस लड़ी की फिर माला जपु
हर सांस से तुम्हारा नाम लूँ
हर निवाले मे तुम्हारा नमक चिड़कु
हर कोने मे तुम्हे देखूं
हर टाँके मे तुम्हारी साँसे बूनु
हर कदम पे तुम्हारा हाथ पकड़ लूँ
हर आहट पे तुम्हे ढूंढ लूँ
हर करवट मे तुम्हे छु लूँ
हर किस्से कहानी मे तुम्हे अमर कर दूँ
हर बद दुआ से तुम्हे दूर कर दूं
हर मन्नत मे तुम्हारा नाम ले लूँ
हर रास्ते मे तुम्हारी मंज़िल बनु
हर मंज़िल पे तुम्हारा घर बन जाऊं
हर आंसू तुम्हारा निगल जाऊँ
हर चुभन को सहला दूँ
हर मोती को पीरों लूँ
और इसकी मै माला जपूँ
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